Twitter को सरकार की सख्त चेतावनी, विवादित हैंडल बंद नहीं हुए तो कार्रवाई होगी
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नई दिल्ली
सरकार ने ट्विटर को 'किसानों के नरसंहार' वाले विवादित कंटेंट और ट्विटर हैंडल बंद करने वाला आदेश नहीं मानने के लिए नोटिस जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक इसमें कहा गया है कि ट्विटर पर जो विवादित हैशटैग वाले कंटेंट पोस्ट किए गए थे, वह 'भड़काऊ, नफरत फैलाने वाले और तथ्यात्मक रूप से गलत' थे। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने ट्विटर के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते हुए कहा है कि उसने सरकार की ओर से ब्लॉक करने के आदेश के बावजूद उन अकाउंट्स/ट्वीट्स को एकतरफा अनब्लॉक कर दिया। इसलिए सरकार ने ट्विटर से कहा कि वह सिर्फ मध्यस्थ की भूमिका में है और सरकार के निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य है। इससे इनकार करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
नोटिस में कहा गया है कि 'कानून'-व्यवस्था की संभावित स्थिति के बारे में सरकारी आदेश के सिलसिले में वह अधिकारियों की संतुष्टि के मामले में अपीलीय प्राधिकार की तरह से व्यवहार नहीं कर सकता। वह सिर्फ मध्यस्थ है। सरकारी आदेश नहीं मानने पर ट्विटर को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। ट्विटर को यह नोटिस सूचना प्रॉद्योगिकी मंत्रालय ने भेजा है। बता दें कि मंत्रालय की शिकायत के बाद ट्विटर ने करीब 250 ट्विटर अकाउंट बंद कर भी दिए थे, लेकिन सोमवार को उसने उन्हें फिर से अचानक एकतरफा बहाल कर दिया था।
पांच पन्नों की नोटिस में सरकार ने ट्विटर को आगाह किया है कि जो हैशटैग चलाया गया, वो एक मोटिवेटेड कैंपेन है और उसे तनाव पैदा करने के मकसद से बिना आधार के चलाया गया। सरकार ने ट्विटर से कहा है कि नरसंहार को प्रोत्साहन देने वाली बातें 'फ्री स्पीच' नहीं हैं और इसके चलते कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा होने का खतरा है। खासकर 26 जनवरी को दिल्ली ऐसी हिंसा देख चुकी है। बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान यह बहुत ही विवादास्पद हैशटैग एक योजनाबद्ध तरीके से चलाया गया था, जिसके खिलाफ बहुत ही सख्त है।
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